स्वतंत्र दिन २०२२ : सन १९४७ के १५ अगस्त को भारत को अंग्रेज हुकूमत से आजादी मिली थी. १५ अगस्त समग्र देश वासिओ के लिए हर्ष उल्लाश से भरा खुशाली का दिन हे. देश को आजाद कराने के लिए सभी का अलग अलग योगदान रहा है, ऐसे महानुभावो को याद करके उनको श्रंद्धांजलि अप्रीत करते है… जय हिंद
आज हम स्वतंत्र दिन पर स्वतंत्र दिन २०२२ शायरी शुभकामना संदेश लेके आये है. आप अपने दोस्तों एवं परिजनों को वॉट्सएप्प, फेसबुक पर शेर कर शकते हो.
स्वतंत्र दिन २०२२ | Independence Day 2022 | 15 August
इस स्वातंत्र दिन पर एक प्रतिज्ञा ले,
सभी लोग एकजुट होकर रहेंगे,
देश की अखंडता को बनायें रखेंगे…
भारत के वीर सपूतों के शौर्य, बलिदान,
प्रेम, और देशभक्ति का प्रतीक है तिरंगा…
सन 1947 15 अगस्त में अंग्रेज
हुकूमत से भारत को आजादी मिली,
भारत के वीर सपूतो की देशभक्ति
और बलिदान से संभव हुआ, आओ
सभी वीरो को याद करके उनको श्रंद्धाजलि दे…
मिट्टी की पूजा,
भक्ति देश के प्रति देशभक्ति,
वही भारत की पहेचान है…
कुछ याद उन्हें भी कर लो,
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर ना आये,
जो लौट के घर ना आये…
स्वतंत्र दिन २०२२
एक पेड़ जरूर लगाये,
भारत की हरियाली बनी रहे…
तिरंगे में सबसे ऊपर केशरियां रंग है जो भारत की ताकत और साहस को प्रदर्शित करता है।
बीच में स्थित सफेद रंग शांति और सत्य के लिए है।
वहीं सबसे नीचे स्थित गहरा हरा रंग देश के विकास और समृद्धि को दर्शाता है।
सफ़ेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं। इस चक्र में २४ आरे या तीलियों का अर्थ है
कि दिन- रात्रि के २४ घंटे जीवन गतिशील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है।
स्वतंत्रता दिवस पे शायरी एवं शुभेच्छा संदेश
आजादी के ७५ वे स्वतंत्रता दिवस पर
आप सभी को शुभकामनाए…
स्वतंत्र भारत के वीर सपूतो, जो सदैव देश की रक्षा के
लिए हमेशा खड़े रहते है उनकी रक्षा माँ भारती करे…
शहीदों को शत शत नमन…
स्वतंत्र दिन २०२२
“विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा” नामक उक्त
सुविख्यात झण्डा गीत को 1938 के कांग्रेस अधिवेशन में स्वीकार किया गया था।
इस गीत की रचना करने वाले श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’ थे।
“हो जाऊँ शहीद मगर ज़िंदा
मुझे वतन चाहिए मंजूर नहीं
कोई दूसरा रंग ना कोई वस्त्र
मर जाऊँ तो केवल तिरंगा मुझे कफ़न चाहिए”
आजादी के ७५ वे स्वतंत्रता दिवस
पर आप सभी को शुभकामनाए
भगतसिंह नास्तिक थे?
भगतसिंह नास्तिक थे मगर,
कैसे न+अस्ति, स्वयं के जीवन का इस मिट्टी की काया का कोई अस्तित्व नहीं है
कुरबान कर दिया अपना जीवन देशभक्ति में,
देश की मिट्टी की पूजा की और देश के प्रति बलिदान।
ऐसे महान आत्मा को मेरा शत शत नमन है
जब हिंदू एकजुटता बनाये रखेंगे,
तो इस देश की अखंडता को कोई नहीं तोड़ शकता…
स्वतंत्र दिन २०२२
देश को आजादी के पथ पर पहुंचाने वाले,
सभी वीर शहीदों को शत शत नमन…
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