Isq Ke Rang Me : Rang E Basant Shayari 2023
केसरिया #रंग के बादलों में,
आजकी शाम खिल उठी,
ऊपर से #बसंत का मौसम,
सोने पे सुहागा हो गया जैसे,
#पलाश के फूलों की तरह,
ये बादल भी रंग बरसा रहे,
बावरा सा हो गया भीगकर,
खो गया तेरी #यादों के भंवर में,
गुलशन सजा था #इश्क़ के रंग में,
महेकने से पहेले ही बिखर गया…
* Rang E Basant *
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