Vo Baatein Purani : आज जा रहा था बाहर खुले मैदानों में गुमने के लिए, चलते चलते वही पुरानी जगहों पर पहुंच गया जहाँ कुछ बीती हुई यादें छुपी थी.
हा व्ही जगह जहाँ तेरी और मेरी मुलाकात रोज होती थी….. दोस्तों आज हम पुराणी यादो को ताजा कर रहे है मेरी कविताओं में जो आपको बहोत पसंद आएगी…
Purani Yaadein Shayari In Hindi : Vo Baatein Purani
निकल रहे थे शाम के वक़्त,
वही पुरानी जगहों से,
कुछ यादें थी वहाँ छुपी हुई,
निकल आई बाहर वो बातें पुरानी,
कुछ नही बदला था उन जगहों पर,
हा कुछ पेड़ सुख गये थे, कुछ नये थे,
मगर वो जगह वैसी की वैसी थी,
जहाँ हम दोनों वक़्त बिताया करते थे,
हा वही जगह गुलमहोर के पेड़ वाली,
अभी भी वहाँ खुशबू आ रही फूलों से,
जहाँ तुम्हें रूठने की आदत सी थी,
और हमें मनाने की लत लगी थी,
अलग हुए भी थे तो चंद पल के लिए,
अभी जिंदगी की जंग भी तो लड़नी थी,
मिल गए गमों के बादल सफर ए जिंदगी में,
बातें खत्म हुई और यादें बरस पड़ी…..
” Vo Baatein Purani “
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