Intejar Aaj Bhi He : कभी भीगी भीगी सड़को पर पहेली मुलाकत की थी, वो दिन आने पर आज तेरे इंतेजार में “इंतेजार आज भी है” शायरी लिख दी आपको ये पसंद आये तो अपने दोस्तों और प्रियजनों को साथ शेर जरूर करे…
Intejar Aaj Bhi He : इंतेजार आज भी है……
पतझड चली गई
अब मौसम सुहाना हो गया…
सूखी डालिया भी फिरसे खिल उठी,
छा गई है हरियाली चारों तरफ़…
रास्ते की मिट्टी में खुशबू छा गई है,
भीगकर मौसम की पहेली बारिश में…
ऐसे ही पल में शुरू हुआ था सफर तेरे संग,
वही सड़को पर इंतेजार आज भी है…..
~ Fakira….
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