Musafir Teri Raho Ka : मुसाफिर हु तेरी राहो का अब तो वक़्त ही बताएगा की किस मुकाम पर पहुँचूंगा। इश्क़ की राह पर तो सब निकाल पड़ते हे मगर वही आगे बढ़ पाते हे जिसका रास्ता साफ हो.
अगर आपका प्रेम सच्चा हे तो आप इश्क़ की नाव को आगे बढ़ा सकते हो. वरना बिच सफर में ही नाव दुब जाती हे. ऐसी ही शायरी लेके हम आये हे जो आप अपने दोस्तों को और आपके प्रेम को भेज सकते हो…
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Musafir Teri Raho Ka : heartbeatpain, Sad Shayari :
हम तो चले थे वफ़ा ऐ मोहब्बत ढूंढने,
मगर तूने बेवफाई का जाम पिलाकर मोहब्बत को रुसवा कर दिया
अब ये वफाये भी कुछ काम की नहीं
जब अपना ही अपना न रहा…
बड़े ही बेईमान हो गए हो तुम,
हमारी मोहब्बत का हिसाब रखते हो…
मुसाफिर था तेरी राहो का,
आज तेरे लिए वो दरों-गलियां
छोड़ के जा रहा हु….
Musafir Teri Raho Ka
हर किसी को नहीं मिलती दुआ ए-मोहब्बत,
उड़ जाते हे लोग वफ़ा का दामन छोड़ के…
सारी उम्र गुजर देंगे तेरे प्यार में,
बस वफ़ा से तुम निभाते रहेना
तेरे मेरे दरमियाँ कुछ बाकि ना रहा,
अब वो मंजर मंजर न रहा और वो साथी साथी ना रहा…
प्रेम कभी काम नहीं होता,
बस अपेक्षाए कम हो जाती हे…
बगावत सी हो गई तेरे मेरे दरमियाँ तू मुझमें,
में तुजमे समाकर बिखर गए, शाम की लालिमा जेसे
बड़े ही मतलब का रिश्ता था तेरा,
कोई मुजसे बहेतर मिल गया तो ज़िंदगी बदल दी…
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