Zindagi Ki Raho Me : दोस्तों आज हम लेके आए है जिंदगी पर शायरी, हर कोई इंसान सुख-दुःख से घेरा हुआ है. आपकी खुशियाँ और गम बाटने के लिए पेश है कुछ अल्फाज जो निजी ज़िंदगी के तजुर्बो से बनाये गये है. अगर आपको ये पसंद आये तो अपने दोस्तों एवं परिजनों के साथ शेर कर शकते हो.
आज हम आप सबके लिए नए ज़माने की नई शायरिया लेकर आये हे जो आप अपने दोस्तों के साथ शेर कर शक्ते हो.
Zindagi Ki Raho Me | Dard Bhari Shayari | Jindagi Quotes
थोड़ी सी चालाकियाँ, मुझे भी सीखा दे ऐ जिंदगी,
मासूमियत मुझे इस दौर में, कुछ भारी पड़ रही है!!
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छोड़ दी वो गलियां जहाँ दर्द के,
सिवा कुछ नहीं था…
Zindagi Ki Raho Me
मौत की दुआए मांगी थी,
सुबह आँखे खुली,
रूह ने कहा जा जी ले जिंदगी….
बहुत कुछ खोया,
दर्द-ए-इश्क़ में “फकीरा”
चला जा यहाँ से अपनी,
पुरानी महेफिल में…
देख जिंदगी कितनी रोनक हो गई “फकीरा”
इश्क़, मोहब्बत, दर्द से नाता तोड़ दिया…
“फकीरा” तेरे ही जज्बातों को कुदेर देंगे लोग यहाँ,
चाल बाज लोग है यहां, तेरी ईमानदारी का कोई मोल नहीं….
Zindagi Ki Raho Me
“फकीरा” इस दुनिया में,
भाती भाती के लोग,
कोई सहारा देता है,
कोई गिरा देता है,
अपने विकल को और मत बढ़ा,
अपने वजूद को पहेचान “फकीरा”
अशी लेले महादेव की,
मिटा दे मौत के मातम को…
एक बेनाम रिश्ता,
सुकून ऐ-एहसास,
खुशियाँ के पल,
होठो पर मुश्कान,
दर्द की ना गुंजाईश,
हवाओने रुख मोड़ा,
गम के काले बादल,
मुश्कान के पीछे दर्द,
अजीब कश्मकश,
फिरसे एक रिश्ता “फकीरा”
फिर वही सफर…..
-जिंदगी का सफर….
एक मस्तानी शाम,
साथ में मधुर संगीत,
हरा भरा मनोरमा द्रश्य,
खयालो में खो जाना,
यादों को ताजा करना,
चहरे पर मुश्कान,
सुकून ऐ-जिंदगी,
फिर भर गया गला “फकीरा”
भीग गए नयन…
दर्द भरी शायरी जिंदगी की | जिंदगी पे शायरी | सुकून की जिंदगी
ऐ जिंदगी,
अब तो हमने,
घुटने टेक दिए,
अब तो सम्भल जा जरा…
बहुत कोशीश की रिश्ता संभालने की “फकीरा”
ऐ रब बस अब तो दुआ में मौत देदे….
बेहतर थी जिंदगी की राहे,
ना कोई गम, ना कोई शिकवा,
सुकून से भरी, बेहद खुशियां,
उन राहो पर मोड़ आया,
टूट कर बिखर गई जिंदगी…
जीने के लिए सोचा ही नहीं
दर्द संभालने होंगे
जीने के लिए सोचा ही नहीं
दर्द संभालने होंगे
मुस्कुरायें तो मुस्कुराने के
कर्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊँ कभी, तो लगता है
जैसे होठों पे कर्ज़ रखा है
तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी,
हैरान हूँ मैं….
Zindagi Ki Raho Me
चले अकेले ही जीने इस जिंदगी के सफर में,
ना कोई शिकवा है, न कोई गिला है तुमसे…
हार गया में जिंदगी के जंग में,
दिल का दर्द इतना बढ़ गए के,
कुछ अच्छा भी हो तो अच्छा नही लगता।
जिंदगी के सफर में, राहें आसान कहाँ थी,
कभी गिरते गए, कभी सँभलकर चलते गए,
मिले थे सुकून से भरे लोग जिनके साथ जीते गए,
वक़्त ने भी करवट बदलकर दिल में दर्द देता गया,
अब आश लगाए बैठे है, जहाँ सफर का मुकाम हो,
साँस भी थम जाये, और राहें भी पूरी हो जाये…
Zindagi Ki Raho Me
जिंदगी का वो महोरा बन गया आज में,
जहाँ जी तो रहे है पर संभालने वाला कोई नहीं…
कौन कहेता है की वक़्त के साथ,
सबकुछ ठीक हो जाता है,
यादें जीतनी पुरानी हो,
दर्द इतना ही ज्यादा देती है…
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